देख कर बावलापन चकोर का ,
ये भ्रम है चाँद को,
कोई ज़माने में नही हंसी उसजैसा,
जब उसे अपने दाग नज़र आयेंगे,
वो ख़ुद पर शर्मिंदा तो होगा.
"रजनी"
Tuesday, September 6, 2011
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मै रजनी मल्होत्रा विवाह के बाद नैय्यर झारखण्ड के बोकारो थर्मल से. मैंने अपनी कलम से कुछ शेर शायरी भी रचे हैं जिनमे हास्य, शेर शायरी भी शामिल हैं ...ये ब्लॉग मेरे द्वारा रचित शेर शायरी से सम्बन्धित है ,मेरे आशा को एक मुकाम मिल जायेगा ,यदि आपसबका स्नेह मिलता रहा.....
Wah! Chand bhee sharminda hoga! Kya khoobsoorat khayal hai!
ReplyDeletehardik aabhar kshma ji......
ReplyDeleteबहुत खूब बधाई और शुभकामनाएं 09415898913
ReplyDeleteसुन्दर संवेदनशील अभिव्यक्ति...
ReplyDeletemera hardik aabharr dr. sharad ji.....
ReplyDeletejaitushar ji aapko bhi hardik aabhar
dil ko chhone wali abhivyakti badhai rajani ji .
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