चंद क्षण भी ना मांगना तेरे दिए गए प्यार से ,
सूदखोर साहूकार जैसे ब्याज मांगता है ,
मै वो गरीब हूँ,
जिसके पास तेरा दिया ,
मूल भी कम है, ब्याज कैसे दूँ मै.
रजनी"
Monday, September 19, 2011
Thursday, September 8, 2011
Tuesday, September 6, 2011
ये भ्रम है चाँद को
देख कर बावलापन चकोर का ,
ये भ्रम है चाँद को,
कोई ज़माने में नही हंसी उसजैसा,
जब उसे अपने दाग नज़र आयेंगे,
वो ख़ुद पर शर्मिंदा तो होगा.
"रजनी"
ये भ्रम है चाँद को,
कोई ज़माने में नही हंसी उसजैसा,
जब उसे अपने दाग नज़र आयेंगे,
वो ख़ुद पर शर्मिंदा तो होगा.
"रजनी"
Friday, September 2, 2011
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