Wednesday, September 29, 2010

धूल ना जाऊं वक़्त के पानी से

"काजल बन कर रह जाऊंगा आँखों में तेरे,
बस डर है धूल ना जाऊं वक़्त के पानी से. "

"रजनी नैय्यर मल्होत्रा"

वो हर सफ़र में साथ है फिर भी साथ नहीं

"वो हर सफ़र में साथ है फिर भी साथ नहीं,
सफ़र तय किया है,पर मेरा हमसफ़र नहीं ".
"रजनी नैय्यर मल्होत्रा"

कितना मुश्किल होता है ख़ुद में ख़ुद को ढूँढना

"कितना मुश्किल होता है ख़ुद में ख़ुद को ढूँढना,
और कोई एक पल में हर राज़  जान लेता है ".

Tuesday, September 21, 2010

तू तो बंध गया है, मेरी सांसों की जंजीर में

"लिख दिया है नसीब मेरा,
तेरे ही तहरीर में,
हर लम्हा हैं तू ,
मेरे ताबीर में,
भूल से भी कैसे भूल जाऊं मैं,
तू तो बंध गया है,
मेरी सांसों की जंजीर में."
 "रजनी नैय्यर मल्होत्रा"

Tuesday, September 14, 2010

मसीहा बन कर मेरा ज़ख़्म ,और भी गहरा कर गए

"ज़ख़्म हरा मेरा देख कर ,वो लाये मरहम साथ,
मसीहा बन कर मेरा ज़ख़्म ,और भी गहरा कर गए. "
"रजनी नैय्यर malhotra"

Thursday, September 9, 2010

दिल में बसे हैं वहाँ से कैसे जायेंगे

"मेरा शहर छोड़ जाने की बात करते हैं वो,
दिल में बसे हैं वहाँ से कैसे जायेंगे.

लगी ठोकर मुझे, बिखर जाउंगी ,
कहते हैं शीशा ,फिर ठोकर कैसे लगायेंगे.