ऊँचा नहीं है आसमां उनके वास्ते,
बिन पंख भी जो उड़ने की चाहत सजाते हैं.
उनके दामन में खिल जाती हैं कलियाँ ,
जो किसी की राहों से कांटे छाँट लाते हैं.
"रजनी नैय्यर मल्होत्रा "
Thursday, November 25, 2010
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मै रजनी मल्होत्रा विवाह के बाद नैय्यर झारखण्ड के बोकारो थर्मल से. मैंने अपनी कलम से कुछ शेर शायरी भी रचे हैं जिनमे हास्य, शेर शायरी भी शामिल हैं ...ये ब्लॉग मेरे द्वारा रचित शेर शायरी से सम्बन्धित है ,मेरे आशा को एक मुकाम मिल जायेगा ,यदि आपसबका स्नेह मिलता रहा.....
Kya gazab ke alfaaz hain!
ReplyDeleteKshama ji sukriya .............der se aapko aabhar kar rahi aajkal kafi vyasat hun samay hi nahi mil pa rahi blog par aane ka..........
ReplyDeletewah rajaniji......so nice writing.
ReplyDeletehardik sukriya sushila ji
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