"तेरी करम हुई या सितम मुझ पर,
इबादत से अनजान था मै,
खुदा से रंजिश रखनेवाले को ,
फकीर कर डाला ".
"रजनी मल्होत्रा नैय्यर "
इबादत से अनजान था मै,
खुदा से रंजिश रखनेवाले को ,
फकीर कर डाला ".
"रजनी मल्होत्रा नैय्यर "
मै रजनी मल्होत्रा विवाह के बाद नैय्यर झारखण्ड के बोकारो थर्मल से. मैंने अपनी कलम से कुछ शेर शायरी भी रचे हैं जिनमे हास्य, शेर शायरी भी शामिल हैं ...ये ब्लॉग मेरे द्वारा रचित शेर शायरी से सम्बन्धित है ,मेरे आशा को एक मुकाम मिल जायेगा ,यदि आपसबका स्नेह मिलता रहा.....
मनमोहक रचना ....
ReplyDeleteआपको व आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ
aabhar vijay ji .........
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