ईंट पत्थरो से मकान बना करते हैं ,
इतना आसां नहीं घर का बन पाना,
वो तो रहनेवालो के ज़ज्बातों से बनता है.
"रजनी "
इतना आसां नहीं घर का बन पाना,
वो तो रहनेवालो के ज़ज्बातों से बनता है.
"रजनी "
मै रजनी मल्होत्रा विवाह के बाद नैय्यर झारखण्ड के बोकारो थर्मल से. मैंने अपनी कलम से कुछ शेर शायरी भी रचे हैं जिनमे हास्य, शेर शायरी भी शामिल हैं ...ये ब्लॉग मेरे द्वारा रचित शेर शायरी से सम्बन्धित है ,मेरे आशा को एक मुकाम मिल जायेगा ,यदि आपसबका स्नेह मिलता रहा.....
बहुत सुन्दर!
ReplyDeleteaabhar aapko .........
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