तोड़ जाता है कोई ,वादों की डोर को,
कोई वादों की डोर से ,बंध कर टूट जाता है.
"रजनी नैय्यर मल्होत्रा "
Sunday, July 4, 2010
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मै रजनी मल्होत्रा विवाह के बाद नैय्यर झारखण्ड के बोकारो थर्मल से. मैंने अपनी कलम से कुछ शेर शायरी भी रचे हैं जिनमे हास्य, शेर शायरी भी शामिल हैं ...ये ब्लॉग मेरे द्वारा रचित शेर शायरी से सम्बन्धित है ,मेरे आशा को एक मुकाम मिल जायेगा ,यदि आपसबका स्नेह मिलता रहा.....
aapki in panktiyon ne meri kuch purani yadon ko kured diya.............
ReplyDeletebas is lekh ne dil tak ghar bana liya mere
rajni ji kya khub likha hai bas dil tak ghar kar gayin ye do pankti aapki..............
ReplyDeletehardik sukriya .............
ReplyDeleteBahut khoob
ReplyDeletesukriya Rajesh ji
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