Saturday, July 24, 2010

आज मिटटी सा बिखर गए हम तुम्हें पाने के बाद

जब ख्वाब सजाये थे  तुम्हें पाने के,अरमान मेरे संवरे से थे,
आज मिटटी सा बिखर गए हम "रजनी '  तुम्हें पाने के बाद .

"रजनी '

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