जब आ जाये अहं कामयाबी के रास्ते,
कुछ नहीं बच पाता फिर संवरने के वास्ते.
Saturday, July 24, 2010
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मै रजनी मल्होत्रा विवाह के बाद नैय्यर झारखण्ड के बोकारो थर्मल से. मैंने अपनी कलम से कुछ शेर शायरी भी रचे हैं जिनमे हास्य, शेर शायरी भी शामिल हैं ...ये ब्लॉग मेरे द्वारा रचित शेर शायरी से सम्बन्धित है ,मेरे आशा को एक मुकाम मिल जायेगा ,यदि आपसबका स्नेह मिलता रहा.....
Kya kamal kar diya aapki do panktion ne!!
ReplyDeletehardik sukriya kshma ji, kyonki ye baat sahi hai .
ReplyDeleteक्यु नहीं कहती उनसे की अपने अहम को दरकिनार कर दे वो !
ReplyDeleteजितनी भी बाकि जिंदगी बाकि बची है प्यार मै बिता दे वो !