Sunday, March 4, 2012

रह गए तन्हा

वो गए मयखाने जिन्हें मय की प्यास थी,
रह गए तन्हा "रजनी" निगाहों की प्यास में |

8 comments:

  1. बहुत बढ़िया प्रस्तुति!
    होली की शुभकामनाएँ!

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  2. बहुत खूब ... निगाहों से प्यास बुझाने वालों की ज्यादती है ...
    मयखाना ही भला ...

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  3. गंगा-दामोदर ब्लॉगर्स एसोसियेशन-
    आदरणीय मित्रवर-
    धनबाद के ISM में
    दिनांक 4 नवम्बर 2012 को संध्या 3 pm
    पर एसोसियेशन के गठन के लिए बैठक रख सकते हैं क्या ??
    अपनी सहमति देने की कृपा करे ||
    सायंकाल 6 से 9 तक एक गोष्ठी का भी आयोजन किया जा सकता है ||
    भोजन के पश्चात् रात्रि विश्राम की भी व्यवस्था रहेगी-

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