जैसे तलाशता है ताईर कोई ,उड़ान के आकाश को,
तलाश लिया हमने पत्थरों में, एक अल्मास को . "रजनी"
तलाश लिया हमने पत्थरों में, एक अल्मास को . "रजनी"
मै रजनी मल्होत्रा विवाह के बाद नैय्यर झारखण्ड के बोकारो थर्मल से. मैंने अपनी कलम से कुछ शेर शायरी भी रचे हैं जिनमे हास्य, शेर शायरी भी शामिल हैं ...ये ब्लॉग मेरे द्वारा रचित शेर शायरी से सम्बन्धित है ,मेरे आशा को एक मुकाम मिल जायेगा ,यदि आपसबका स्नेह मिलता रहा.....
बहुत खूबसूरत, बधाई.
ReplyDeleteकृपया मेरे ब्लॉग"meri kavitayen" पर भी पधारें, अपनी राय दें, आभारी होऊंगा.
Bahut khoob!
Deleteबहुत खूब
ReplyDeleteनीरज
बहुत बढ़िया प्रस्तुति!
ReplyDeleteshukla sir ji..........bahut bahut aabhari hun aap aaye .......
ReplyDeleteKshma ji aapko bhi mera hardik sukriya aapki snehal tippni man ko urja se bhar deti hai.......
Niraj ji tahedil se sukriya aapko bhi.....aapsabhi ka ye sneh man ko urjavaan bnata hai......
shashtri sir ji aapsab ka aashirvaad yun hi milta rahe.........aabhari "RAJNI"