Wednesday, March 31, 2010

रजनी के कलम से कुछ हास्य से भरे शेर....... .

अर्ज़ किया है ..........
निकले थे हम भी लाने को आसमान से चाँद तारे.
निकले थे हम भी आसमान से लाने को चाँद तारे.
पर क्या करूँ किसी ने सीढ़ी ही खीच लिए....

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आप अपने जीवन में इतने आगे जाओ कि लोग कहें हर समय आपसे..............
जाओ बाबा और आगे जाओ, जाओ बाबा और आगे जाओ.........
क्योंकि मेरे पास छुट्टे पैसे जो नहीं .
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तेरे खुबसूरत से चेहरे को देख मेरा रोम रोम मुस्काया.
तेरे खुबसूरत से चेहरे को देख मेरा रोम रोम मुस्काया.
इतना प्यार आया जब चेहरे पे हाथ फिराया.....
दो किलो fair & lovely पाया .....
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तेरे चेहरे में वो जादू है बिन डोर बंधा आता हूँ,
जाना होता है और कहीं तेरी ओर चला आता हूँ.......
ये चमकता हुआ चेहरा मोती समान है,
ये चमकता हुआ चेहरा मोती समान है...
अरे भाई मोती मेरे कुत्ते का नाम है.........
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