Tuesday, September 21, 2010

तू तो बंध गया है, मेरी सांसों की जंजीर में

"लिख दिया है नसीब मेरा,
तेरे ही तहरीर में,
हर लम्हा हैं तू ,
मेरे ताबीर में,
भूल से भी कैसे भूल जाऊं मैं,
तू तो बंध गया है,
मेरी सांसों की जंजीर में."
 "रजनी नैय्यर मल्होत्रा"

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