Saturday, August 28, 2010

चांदनी बनी स्याह रात

"चांदनी बनी स्याह रात,  रह गई   अधूरी रजनी" हर     बात,
छूटा कस्ती साहिल का साथ,बन गया बादिया ,यहाँ फसल-ए -गूल."

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