Thursday, November 25, 2010

ऊँचा नहीं है आसमां उनके वास्ते

ऊँचा नहीं है आसमां उनके वास्ते,
बिन पंख भी जो उड़ने की चाहत सजाते हैं.

उनके दामन में खिल जाती हैं कलियाँ ,
जो किसी की राहों से कांटे छाँट लाते हैं.

"रजनी नैय्यर मल्होत्रा "